प्रेम बच्चों सा

 
बच्चे दिल सा  लिखते और मिटा देते हैं।

इशारों में प्यार करना वो सिखा देते हैं।।

अपने आसन से हिलकर

देखो तो दिल से मिलकर

नन्हें फूलों सा खिलकर

फटते बचपन को सिलकर

हमको हमसे पल-भर में  मिला देते हैं।

इशारों में प्यार करना वो सिखा देते हैं।।

जो चाहे रहता होकर

जब चाहें बनते जोकर

लगती पाँवों में ठोकर

फिर हँसदेते हैं रोकर

बिछड़ते  हैं  जब तो रुला देते हैं।

इशारों में प्यार करना वो सिखा देते हैं।।

कुछ सच्ची वाली कसमें

कुछ झूठे वाले वादे

बस कच्ची सी उम्मीदें

और पक्के जैसे इरादे

सपनों वाली आँखे फिर दिला देते हैं।

इशारों में प्यार करना वो सिखा देते हैं।।




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