छोटे सम्राट

मित्रों यह सम्राट कहानी की अगली कड़ी है , जो आप में से ही कुछ मित्रों की माँग वो सलाह से प्रेरित है । आप ने पिछले भाग में सम्राट और उसके अतिमहत्वाकांक्षी दुर्बुद्धि का परिणाम देखा , परन्तु अब भी बहुत कुछ शेष था। सम्राट का शावक, जिसे जानवर छोटा सम्राट कहते थे परन्तु प्यार से नहीं डर तथा नफरत से। जंगल लगभग बरबाद हो चुका था, परन्तु शावक के जीवन का लम्बा सफर अब भी शेष था। जिसे जीने के बहुत से तरीके थे जैसे- हाल पर जिंदा रहना, परिस्थितियों को दोष देना या फिर सम्राट को कोसना। ये सब आसान प्रतीत होते हैं परन्तु शावक को घुट घुट कर जीना स्वीकार नहीं था, पर करे तो क्या? सिंह की संतान को आत्महत्या भी तो शोभा नहीं देता। शावक कुछ दिनों तक भूखे रहने के बाद दूसरे जंगल का रुख करता है, परन्तु सदा के लिए नहीं अपितु पेट भरने के लिए , शिकार तो आवश्यक था जीवन के लिए परन्तु अब ...