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लालसा नवमी की

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  अब तो मन की यही कामना,मुझमें राम जन्म हो जाये। शक्ति का पूजन हो पूरा, जीवन में नवमी आ जाये।।१।। जय जय जय जगदम्ब भवानी,  बेटे  की  बस  यही  कहानी। उनसे  ही  माँ  योग करा दे, जीवन  हो  जाये  नूरानी। ऐसी कृपा करो हे माता,राम राज्य हिरदय हो जाये। शक्ति का पूजन हो पूरा, जीवन में नवमी आ जाये।।२।। ईर्ष्या घृणा से दूर रहें माँ, मन से ना मजबूर रहें माँ। सियाराम आँखों में बसे हों, इसी नशे में चूर रहें माँ। रघुवीर धीर गम्भीर प्रभु,इन नयनों के जल में नहायें। शक्ति का पूजन हो पूरा, जीवन में नवमी आ जाये।।३।। हममें फूट पड़ी है माता, विपदा टूट पड़ी है माता। खुद का ही दुश्मन बन बैठे, ऐसी लूट पड़ी है माता। नर-बानर का योग कराया,हमको वो विद्या बतलाये। शक्ति का पूजन हो पूरा, जीवन में नवमी आ जाये।।४।। इतना प्रेम भरो हे माई, जिससे हमें मिले रघुराई। प्रेम छाँछ पीने से मइया, मिले नाचते कृष्ण कन्हाइ। ये इक्षा ढृण इतनी कर दो,रघुवर भी मोहित हो जाये। शक्ति का पूजन हो पूरा, जीवन में नवमी आ जाये।।५।।

भारतीय नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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  ये नया वर्ष अपने संग में, एक नया सवेरा लाया है। राम जन्म अग्रिम सूचना,जन जन तक पहुंचाया है।। १।। शक्ति पूजा की ऊर्जा से, भरी हुई हैं दसों दिशाएँ।  मानव मन उल्लसित हैं,भरी हुई हैं नव आशाएँ।  पकी बालियों से चेहरे पर,नया सवेरा आया है।  ये नया वर्ष अपने संग में, एक नया सवेरा लाया है।। २।।  वृक्षों की हैं लदी डालियाँ,नव पल्लव अरु नव फल से।  खुशियों की आशाएँ जागी, हैं आने वाले कल से।  मंगलमय हो नया वर्ष,मन का संदेश पठाया है।  ये नया वर्ष अपने संग में, एक नया सवेरा लाया है।।३।।

🕊️मलीन बस्ती🕊️

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शहर से गुजरते हुए, देखा मलीन बस्ती। चकाचौंध से शहर में डूबी हुई थी कश्ती ।। राजमहल के बगल में, खड़े हासिये के लोग  जैसे चने चबने के संग,रक्खे छप्पन भोग  हाँ चिंतित महलों के आगे, मैले बच्चों की मुस्काई  देख न्याय विधना के यारो, मेरी आँखें भर आयी  ये महंगे को ले रोते, वो सस्ते पर हँसती। चकाचौंध से शहर में, डूबी हुई थी कश्ती।। मत इतराओ महलों वाले, उसके संग में भी अविनाशी  खुशियाँ लूट लूट तुम हारे,पर उसकी ना दिखी उदासी  इनका भी कुछ ख्याल करो,रौब करो कम अपने बल पर  सत्ताधीश बनाने वाला, भडक ना जाये तेरे छल पर  किरदारों में उलझ कर,भूल गए जो हस्ती।  चकाचौंध से शहर में, डूबी हुई थी कश्ती।